Anshuman Gaekwad Dies: कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद दुनिया से अलविदापूर्व भारतीय क्रिकेटर अंशुमन गायकवाड़ का बुधवार को 71 वर्ष की आयु में कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद निधन हो गया। गायकवाड़ ने भारतीय क्रिकेट के लिए विभिन्न भूमिकाओं में अपनी सेवाएं दीं, जिसमें खिलाड़ी, कोच और राष्ट्रीय चयनकर्ता के रूप में योगदान शामिल है। कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद दुनिया से अलविदा Anshuman Gaekwad के जीवन और करियर के बारे में काफी अच्छे से निचे बताया गया हे।
गायकवाड़ का क्रिकेट करियर
गायकवाड़ ने भारत के लिए 40 टेस्ट और 15 वनडे मैच खेले। उन्होंने 205 प्रथम श्रेणी मैच भी खेले और 22 साल के करियर में कई महत्वपूर्ण पारियां खेलीं। उनके क्रिकेट करियर की सबसे यादगार पारी में 1976 में जमैका के सबीना पार्क में माइकल होल्डिंग और वेन डेनियल का सामना करना शामिल है, जहां होल्डिंग की गेंद ने उनके कान पर चोट मारी थी।
कोच और चयनकर्ता के रूप में योगदान
गायकवाड़ ने भारतीय टीम के कोच के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। उनके कार्यकाल के दौरान, 1999 में फिरोजशाह कोटला में अनिल कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ एक पारी में सभी 10 विकेट लेकर ऐतिहासिक प्रदर्शन किया था। उन्होंने युवा हरभजन सिंह को टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका दिया, जिसे हरभजन ने हमेशा आदरपूर्वक याद किया।
प्रधानमंत्री और बीसीसीआई सचिव की श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गायकवाड़ के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “श्री अंशुमन गायकवाड़ जी को क्रिकेट के प्रति उनके योगदान के लिए याद किया जाएगा। वे एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी और उत्कृष्ट कोच थे। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और प्रशंसकों को संवेदनाएं। ओम शांति।”
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने भी गायकवाड़ को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा, “श्री अंशुमन गायकवाड़ के परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। क्रिकेट बिरादरी के लिए यह बहुत दुखद समय है। उनकी आत्मा को शांति मिले।”
गायकवाड़ का निजी जीवन और संघर्ष
गायकवाड़ का उपचार लंदन के किंग्स कॉलेज अस्पताल में चल रहा था, जहां वे रक्त कैंसर से जूझ रहे थे। बीसीसीआई ने उनके उपचार के लिए 1 करोड़ रुपये की मदद की थी और 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्यों ने भी उनकी मदद के लिए कदम बढ़ाया था। गायकवाड़ हाल ही में देश लौटे थे, लेकिन उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता चला गया।
समर्पित और साहसी क्रिकेटर
अंशुमन गायकवाड़ ने अपने करियर में कई मुश्किल परिस्थितियों का सामना किया और हमेशा अपने धैर्य और साहस का परिचय दिया। उन्होंने इमरान खान की पाकिस्तान टीम के खिलाफ जालंधर में एक धीमी गति वाली डबल सेंचुरी बनाई, जिसे उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक माना जाता है।
अंशुमन गायकवाड़ के निधन से भारतीय क्रिकेट ने एक महान खिलाड़ी, कोच और इंसान को खो दिया है। उनकी यादें और योगदान हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगे। ओम शांति।